Residential property prices increased in last five years

पिछले पांच सालों में भारत के बड़े शहरों में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में औसतन 48% की तेजी आई है. द 1 फाइनेंस हाउसिंग टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) 2020 में 167 से बढ़कर 2025 में 247 तक पहुंच गया, जो हाउसिंग मार्केट में मजबूत ग्रोथ दिखाता है. देश के प्रमुख शहरों जैसे बेंगलुरु और मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी आई है. बेंगलुरु 79% की शानदार तेजी के साथ सबसे आगे है. यहां पर सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी के रेट बढ़े हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में 26,975 रुपये प्रति वर्ग फुट के साथ भारत का सबसे महंगा रेसिडेंशियल मार्केट है. पुणे में डेवलपर्स ने मार्केट को देखते हुए नए प्रोजेक्ट्स 20% कम किए हैं. हैदराबाद में बिक्री न होने वाली प्रॉपर्टी 177% बढ़ी, जो ज्यादा सप्लाई की ओर इशारा करता है. दिल्ली एनसीआर में डिमांड मजबूत रही, जहां बिक्री न होने वाली प्रॉपर्टी 30% घटी. चेन्नई में सप्लाई-डिमांड में गड़बड़ है. नए प्रोजेक्ट्स 51% बढ़े. लेकिन, सेल्स सिर्फ 10% बढ़ी. कोलकाता का मार्केट छोटा हुआ. जहां नए लॉन्च और सेल्स 29% कम हुए.

यह इंडेक्स RERA-रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी के पुराने ट्रांजैक्शन डेटा, सेल्स वैल्यू और एरिया के आधार पर बनाया गया है. मुंबई और पुणे में कीमतें कारपेट एरिया पर बाकी शहरों में सुपर बिल्ट-अप एरिया पर हैं.

प्रॉपर्टी की कीमत

2020 से 2025 तक नए घरों के लॉन्च 10% बढ़े हैं. लेकिन सेल्स 33% उछली, यानी डिमांड सप्लाई से ज्यादा है. बिक्री न होने वाली प्रॉपर्टी 32% बढ़ी फिर भी कीमतें 48% ऊपर गईं, जो दिखाता है कि रियल एस्टेट मार्केट में अभी और ग्रोथ की गुंजाइश है.

क्या अभी ग्रोथ होगी?

कोविड के बाद की तेज उछाल अब शायद धीमी हो, लेकिन मार्केट अब स्टेडी ग्रोथ की ओर जा रहा है. मजबूत डिमांड और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार खासकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सरकारी निवेश, कीमतों को धीरे-धीरे बढ़ाएंगे. इससे न सिर्फ बड़े शहरों में बल्कि उनके आसपास के इलाकों में भी नई ग्रोथ की संभावनाएं खुलेंगी.

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