शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. हाल ही उन्होंने उद्यमी और कंटेंट क्रिएटर राज शमनी को एक पॉडकास्ट इंटरव्यू दिया है. माल्या की कानूनी लड़ाइयां और भारत से उनका निकलना लगातार सुर्खियां बटोरता रहता है. लेकिन इस बार वह अपने गोवा में शानदार किंगफिशर विला की वजह से सुर्खियां बटौर रहे हैं, जो मौजूदा समय में एक बॉलीवुड कपल के पास है. कभी ये विला माल्या की शानदार पार्टियों का गवाह बना है. जहां पर कई हस्तियां आती थी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस विला पर किस बॉलीवुड कपल का कब्जा हो गया है.
मौजूदा समय में विजय माल्या का किंगफिशर विला एक बॉलीवुड कपल के पास है. आईडीबीआई बैंक का 900 करोड़ रुपए का लोन ना चुका पाने की स्थिति में इसे जब्त कर लिया गया था. जिसके बाद 2017 में इस विशाल संपत्ति को बेच दिया गया. नॉर्थ गोवा के कैंडोलिम के अपस्केल बीच गांव में स्थित यह विला अब अभिनेता और उद्यमी सचिन जोशी के पास है, जिन्होंने एक हाई-प्रोफाइल बैंक नीलामी में इस संपत्ति को सिर्फ़ 73.01 करोड़ रुपये में खरीदा था.
क्या है इस विला की खासियत
तीन एकड़ में फैले इस विला में 12,000 वर्ग फीट से ज़्यादा जगह है और यह फोर्ट अगुआडा के रास्ते पर स्थित है और गोवा की राजधानी पणजी से सिर्फ़ 20 किलोमीटर दूर है. कभी माल्या और उनके करीबी लोगों के लिए एक प्राइवेट पार्टी डेस्टिनेशन हुआ करता था, यह विला शुरू में यूनाइटेड ब्रूअरीज होल्डिंग्स (UBH) के अधीन था, जो अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस की मूल कंपनी है. माल्या के डिफॉल्ट और कानूनी परेशानियों के बाद, इस संपत्ति को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम ने अपने अधीन कर लिया, जिसने खरीदार मिलने से पहले कई नीलामी की कोशिश की.
किंग्स मेंशन रखा नाम
जोशी, जिन्हें अजान और जैकपॉट जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है, वाइकिंग वेंचर्स के फाउंडर भी हैं, जो एक डायवर्सिफाइड कंपनी है और FMCG प्रोडक्ट्स, हॉस्पिटैलिटी, इंफ्रा, आदि के काम कर रही है. जोशी ने 2015 में इम्पाला डिस्टिलरी और ब्रूअरी से गोवा स्थित किंग्स बीयर ब्रांड को 90 करोड़ रुपए में खरीदा था. किंगफिशर विला को अपने कब्जे में लेने के बाद, जोशी ने अपने मौजूदा पोर्टफोलियो के साथ तालमेल बिठाने के लिए इसका नाम बदलकर ‘किंग्स मेंशन’ रख दिया. मौजूदा समय में विजय माल्या यूके में हैं. जिन्हें वहां से वापस लाने के लिए सरकार की कोशिश जारी है.