देश की राजधानी दिल्ली में चांदी की कीमतों में लगातार 7 दिनों से तेजी देखने को मिल रही थी. लेकिन मंगलवार को चांदी का ‘विजयरथ’ रुक गया और कीमतें धड़ाम हो गई. वहीं दूसरी ओर गोल्ड की कीमतों में भी लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली. दो दिनों में गोल्ड की कीमतों में 390 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो डॉलर इंडेक्स में तेजी और अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड टेंशन कम होने की वजह से सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. वैसे देश के वायदा बाजार में कारोबारी सत्र के दौरान चांदी की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया, लेकिन उसके बाद कीमतें रिकॉर्ड लेवल से नीचे आ गई. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सोने और चांदी की कीमतों में कितनी गिरावट देखने को मिली और दाम कितने हो गए हैं…
सस्ता हुआ सोना और चांदी
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 110 रुपए गिरकर 97,670 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गई. जबकि एक दिन पहले गोल्ड की कीमतों में 280 रुपए की कमी देखने को मिली थी. वहीं 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड 100 रुपए गिरकर 97,250 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गई. वहीं दूसरी ओर सात दिनों की तेजी के सिलसिले को तोड़ते हुए मंगलवार को चांदी की कीमत 1,000 रुपए गिरकर 1,07,100 रुपए प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गई. स्थानीय बाजारों में सोमवार को सफेद धातु 1,000 रुपए बढ़कर 1,08,100 रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई थी. विदेशी बाजारों में हाजिर सोना मामूली बढ़त के साथ 3,329.12 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. इस बीच, वैश्विक बाजारों में हाजिर चांदी 0.3 प्रतिशत गिरकर 36.64 डॉलर प्रति औंस पर आ गई.
क्या कह रहे हैं जानकार?
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च ऐनालिस्ट श्रीराम अय्यर ने कहा कि अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन कम होने की आशा के कारण सुरक्षित निवेश की मांग कम होने से मंगलवार सुबह के कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट आई. चीनी और अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को लंदन में व्यापार वार्ता के नए दौर को दूसरे दिन के लिए बढ़ा दिया, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समझौते की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
ट्रेडर्स को इस सप्ताह सोने की कीमतों में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद है, जो अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों और उपभोक्ता भावना के आंकड़ों सहित महत्वपूर्ण वृहद आर्थिक घटनाओं से प्रेरित है. एक्सिस सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के सीनियर रिसर्च ऐनालिस्ट देवेया गगलानी ने कहा कि इन आंकड़ों में कोई भी अप्रत्याशित विचलन ब्याज दरों में कटौती पर फेडरल रिजर्व के रुख को प्रभावित कर सकता है, जो संभावित रूप से निकट भविष्य में बुलियन की कीमतों को प्रभावित कर सकता है.